पेट्रोलियम संरक्षण अनुसंधान संघ (पीसीआरए)
पेट्रोलियम संरक्षण अनुसंधान संघ (पीसीआरए) पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्रालय, भारत सरकार के तत्वावधान में स्थापित एक पंजीकृत सोसायटी है।
एक गैर-लाभकारी संगठन के रूप में, पीसीआरए एक राष्ट्रीय सरकारी संस्था है जो अर्थव्यवस्था के विभिन्न क्षेत्रों में उर्जा दक्षता को प्रोत्साहन देने में कार्यरत है। यह तेल की आवश्यकता पर देश की अत्यधिक निर्भरता को कम करने हेतु पेट्रोलियम संरक्षण की नीतियां एवं रणनीतियां प्रस्तावित करने में सरकार की सहायता करता है। पिछले वर्षों में पीसीआरए ने स्थायी विकास अर्जित करने के प्रयोजन हेतु ऊर्जा के विभिन्न स्रोतों के उपयोग में उत्पादकता में सुधार लाने में अपनी प्रमुख भूमिका निभायी है।
पीसीआरए क्षमता की पहचान करने और अर्थव्यवस्था के विभिन्न क्षेत्रों में पेट्रोलियम उत्पादों के संरक्षण को प्राप्त करने की सिफारिशें और अध्ययन करता है। यह ईंधन कुशल उपकरण / उपकरणों के विकास के लिए अनुसंधान एवं विकास गतिविधियों के प्रायोजकों और पेट्रोलियम उत्पादों के संरक्षण के लिए जन जागरूकता पैदा करने के लिए मल्टी मीडिया अभियानों का आयोजन करता है। ईंधन के उपयोग एवं ऊर्जा आडिट, उपकरण बैंक की अवधारणा की शुरूआत, ऊर्जा वैन का उपयोग, तेल की खपत मानदंडों के विकास, मॉडल डिपो परियोजनाओं, चालक प्रशिक्षण कार्यक्रमों, कार्यशालाओं / प्रदर्शनियों, का आयोजन करता है। शिक्षा फिल्मों / टीवी स्पॉट, होर्डिंग / इलेक्ट्रानिक डिस्प्ले , मुद्रित साहित्य का वितरण, अनुसंधान एवं विकास परियोजनाओं एवं अन्य गतिविधियों के माध्यम से ऊर्जा शरंक्षण संबंधी अनुसंधान एवं विकास परियोजनाओं को परिकल्पित करता हैं।
पीसीआरए का लक्ष्य तेल संरक्षण को एक राष्ट्रीय आंदोलन बनाना है। पीसीआरए पेट्रोलियम उत्पाद और उत्सर्जन में कमी एवं संरक्षण के महत्व, तरीके और लाभ के बारे में जनता के बीच जागरूकता पैदा करने का कार्य सुचारू रूप से कर रहा है।
लोगों को संदेश देने के लिए, पीसीआरए जन संचार एवं मीडिया के सभी संभव और प्रभावी संसाधनों का उपयोग करता है। इनमें इलेक्ट्रॉनिक और प्रेस मीडिया जैसे टीवी, रेडियो, इलेक्ट्रॉनिक प्रदर्शनी, प्रेस में विशिष्ट लक्षित समूहों के लिए राष्ट्रीय और राज्य स्तर मुद्रित साहित्य, होर्डिंगों के माध्यम से बाहरी प्रचार, बस पैनलों, खोखे, गुब्बारे, बैनर ट्रॅन-स्लाइडर्स आदि शामिल है ।
सभी संदेशों में औद्योगिक, परिवहन, कृषि एवं घरेलू क्षेत्रों के लिए आसान और व्यावहारिक संरक्षण सुझावों को लागू करने के लिए ध्यान केंद्रित किया गया है। अर्द्ध शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में लक्षित समूहों को प्रभावी संचार के लिए संदेश क्षेत्रीय भाषाओं में दिया जाता है। संरक्षण के संदेश और संरक्षण तकनीकों के प्रदर्शन के प्रचार-प्रसार के लिए क्षेत्रीय इंटरैक्टिव कार्यक्रम जैसै सेमिनार, तकनीकी बैठकों, उपभोक्ता बैठकों, कार्यशालाओं, क्लिनिक, वैन-प्रचार, प्रदर्शनियों, किसान मेलों आदि का आयोजन किया जाता है।
तेल संरक्षण आंदोलन को गति देने के लिए, पीसीआरए विभिन्न माध्यमों जैसे विश्व पर्यावरण दिवस, विश्व ऊर्जा दिवस, विभिन्न त्योहारों आदि का भी उपयोग करता है।
इन वर्षों में, पीसीआरए ने तेल संरक्षण को बढ़ावा देने के लिए विभिन्न भाषाओं में फिल्मों, टीवी स्पॉट और रेडियो जिंगल की एक श्रृंखला विकसित की है। पीसीआरए एक त्रैमासिक पत्रिका और एक समाचार पत्र प्रकाशित करता है।
सक्रीय संरक्षण तकनीक (ACT), ऊर्जा विशेषज्ञों द्वारा प्रौद्योगिकी पर लेख युक्त एक पत्रिका है। यह भी ऊर्जा संरक्षण में अग्रणी सफलता मामलों के अध्ययनों को उजागर करता है। मूल क्षेत्रों में पीसीआरए द्वारा की गई प्रमुख गतिविधियों पर स्वप्रकाशित समाचार पत्र संरक्षण खबर प्रकाशित करता है।
पेट्रोलियम उत्पादों की विभिन्न लक्षित समूहों के लाभ के लिए, पीसीआरए ने संरक्षण सुझाव और तकनीकों को लागू करने के लिए सरल रूप से तैयार साहित्य विकसित किया है। अपूर्ण रूप से दहन के कारण प्रदुषण के दुप्रभावो से जनता के स्वस्थ्य को सुरक्षित रखने के लिए और उन्हें शिक्षित करने के लिए, विशेष कम लगत वाले ग्रीन्पत्रिका भी निकली गई है।
कल्पना
सतत विकास हेतु अपनी अंतर्निहित शक्ति के द्वारा हाइड्रोकार्बन्स संरक्षण एवं पर्यावरण सुरक्षा के लिए उत्कृष्टता का केंद्र बनना।
मिशन
प्रभावी ऊर्जा-उपयोग एवं पर्यावरण सुरक्षा के माध्यम से जीवन की गुणवत्ता में सुधार।
उद्देश्य
- पेट्रोलियम उत्पादों के अधिकाधिक संरक्षण हेतु रणनीति बनाना तथा तदनुकूल उपाय करना ताकि पर्यावरण संरक्षण, ऊर्जा सुरक्षा और स्थाई विकास का मार्ग प्रशस्त हो।
- आम जनता की जानकारी बढाकर तथा सृजित करके पेट्रोलियम उत्पादों के संरक्षण के महत्व, लाभ तथा उसकी विधियों एवं स्वच्छ पर्यावरण के बारे में जागरुकता पैदा करना।
- पेट्रोलियम एवं पर्यावरण संरक्षण की दिशा में किए जा रहे अनुसंधान, विकास तथा परिनियोजन प्रयासों को बढावा देना, ईंधन बचाने वाली प्रौद्योगिकियों और पेट्रोलियम उत्पादों के बदले वैकल्पिक एवं नवीकरण योग्य ईंधन को अपनाने तथा इनके प्रसार से जुडे प्रयासों में सहायता करना।
- पेट्रोलियम संरक्षण एवं पर्यावरण की सुरक्षा के क्षेत्रों में राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय स्तरों पर संस्थाओं के बीच कारगर संबंध स्थापित करना।
- स्वच्छ पर्यावरण हेतु पेट्रोलियम उत्पादों के प्रयोग में मितव्ययिता एवं निपुणता लाने के लिए प्रशिक्षण एवं तकनीकी सलाहकारी सेवाएं प्रदान करना।
- तेल पर अत्यधिक निर्भरता को कम करने के लक्ष्य से पेट्रोलियम संरक्षण और पर्यावरण सुरक्षा के संबंध में नीतियाँ एवं रणनीतियाँ प्रस्तावित करने के लिए भारत सरकार के “चिंतन स्रोत” (थिंक टैंक) के रूप में काम करना।